कैंसर: कैसे लें सरकारी मदद

कैंसर: कैसे लें सरकारी मदद

सरकार की योजनाएं

(1) प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष: पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए जनवरीए 1948 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना की गई थी। प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल अब प्रमुखतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा हृदय शल्य.चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसरआदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है। यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है और इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है। कोष की धनराशि बैंकों में नियत जमा खातों में रखी जाती है। कोष से धनराशि प्रधान मंत्री के अनुमोदन से वितरित की जाती है।

(2) स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित दो योजनाओं के तहत देश भर में अलग अलग अस्पतालों में ईलाज के लिये गरीब मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है:

(a) राष्ट्रीय आरोग्य निधि

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय आरोग्य निधि का गठन 1997 में किया। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता देना था जो जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं ताकि वे सरकारी अस्पतालों में इलाजों की सुविधा का लाभ उठा सकें। इसके अंतर्गत ऐसे लोगों के सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालोंध्संस्थानों और सरकारी अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था की गई है। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता एक मुश्त अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि उस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को प्रेषित की जाती है जिसमें रोगी का इलाज चल रहा हो।

(b) स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री विवेकाधीन अनुदान  (एचएमडीजी)

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री विवेकाधीन अनुदान से सरकारी अस्‍पताल में भर्ती होने / उपचार पर हुए खर्च का वहन करने हेतु वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त करने के लिए केवल वही लोग पात्र है जिनकी वार्षिक परिवारिक आय 1,00,000 /- रूपए और उससे कम है, तथा उन मामलों में जहां नि:शुल्‍क चिकित्‍सा सुविधाएं उपलब्‍ध नहीं है।

 

(3) केन्द्रीय सरकार स्वास्थ योजना (सी.जी.एच.एस): यह योजना केन्द्रीय सरकार के सेवानिवृत कर्मचारियों और उनके अश्रितों के लिये लागू है। सी.जी.एच.एस. लाभार्थियों को बेहतर कैंसर के ईलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिये हैदराबाद व दिल्ली में 10 निजी अस्पतालों की विशेश रूप से टाटा मेमोरयिल अस्पताल की दरों के अनुसार कैंसर सर्जरी के लिए सी.जी.एच.एस के तहत जून 2011 में पैनल में शामिल कर दिया गया है। इसके अलावा रोगी किसी भी अस्पताल से अनुमोदित दरों पर कैंसर के ईलाज का लाभ उठा सकते है।

(4) कैंसर रोगी और उनके परिचर को रेलवे रियायत: कैंसर रोगी रेलवे में सफर करने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र है। उनका किराया मुपत है। परिचर या सहायक को द्वितीय श्रेणी के किराये का केवल 25 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है। यह रियायत निकटतम गृहनगर स्टेशन से कैंसर अस्पताल/कैंसर संस्थान की यात्रा और वापस आने के लिये लागू। 

इस योजना का फार्म यहाँ डाउनलोड किया जा सकता है।

(5) कैंसर रोगी को हवाईयात्रा में रियायत: यह रियायत केवल कैंसर पीडि़त जो भारतीय नागरिक है व मेडिकल चेअप/उपचार के उद्देश्य के लिए यात्रा कर करें है उन लोगों के लिये लागू है। इसमें दर्जे के मूल किराये का 50 प्रतिशत करना पड़ता है।

आवश्यक दस्तावेज: मरीज को कैंसर अस्पताल/कैंसर संस्थान द्वारा जारी प्रमाण पत्र लगाना है जो यह प्रमाणित करता हो की उक्त मरीज का यहाँ उपचार हो रहा है।

(‘इंडिया अगेंस्ट कैंसर’ से साभार)

“इंडिया अगेंस्ट कैंसर”” भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आई. सी. एम. आर.) के अंतर्गत आने वाले संस्थान  “कौशिकी एवं निवारक अर्बुदशास्त्र संस्थान” (आई. सी. पी. ओ.) के वरिष्ठ चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के समूह द्वारा की गई एक पहल है।

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